Dr. Heda’s Ayurveda Clinic

केश विकार

Hair Problem

केश विकार

बडे, काले, घने बाल हमारे अच्छे व्यक्तित्व और कोन्फ़िडेंस का प्रतीक है. आज के इस कोंपीटीशन के दौर मे हमारे सुंदर बालोसे हमारी पर्सनालिटी और अच्छी लगे ऐसा किसे नहीं लगता ?
आधुनिक जीवनशैली केमिकल युक्त आहार-विहार, मानसिक तान-तनाव और केमिकल युक्त सौन्दर्य प्रसाधन ( हेअरशैम्पू, डाय, हेअर क्रीम, जेल ई.) और कुछ गलत हेअर ट्रीटमंट की वजह से भी आज बलोकी समस्या बढ़ रही है. बाल सफ़ेद होना ये पहले बुढ़ापे का प्रतीक था, मगर आज हम दो साल के बच्चे के भी बाल सफ़ेद होते देख रहे है. बालोकी समस्या के मुख्य कारण, उसका योग्य निदान कर के अगर उपचार करते है तो निश्चित ही अच्छा फायदा होता है. साइड इफैक्ट से बचने के लिए आयुर्वेद ही एक सर्वोत्तम पर्याय है. शुद्ध आयुर्वेद औषधि व आधुनिक मशीन इनकी संयुक्त उपचार पद्धति से हम नीचे दी गई सभी बालोकी समस्या का योग्य उपचार करते है.
1 बाल झड़ना / पतले बाल होना
2 डेंड्रफ
3 स्काल्प सोरियासिस
4 दाढ़ी मुछ का खालित्य (एलोपेशीया)/ टक्कल पड़ना

बाल झड़ना / पतले बाल होना

बाल झड़ना, पतले बाल होना यह एक सर्व सामान्य समस्या हो गई है, ये समस्याए अब उम्र पर निर्भर नहीं रही. खालित्य (टक्कल पड़ना / एलोपेशीया ) हमारे कॉन्फ़िडेंस पर काफी असर करता है. बाल झड़ने के योग्य कारण ढूंढकर उसके अनुसार खान-पान मे बदल, जीवनशैली मे बदल, आयुर्वेद औषधीया और आवश्यकतानुसार पी.आर.पी./सूचिवेधन (माइक्रोनिडलिंग)इत्यादि चिकित्सा पद्धति का इस्तेमाल करने से निश्चित ही फायदा होता है.

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डेंड्रफ/ बालो मे खुजली

डेंड्रफ याने मृतपेशी (डैड सेल्स) शरीर पर की ऊपरी त्वचा पेशियोका आयुष्य 21 दिनो का होता है, अगर इन पेशियोका आयुष्य 21 दिनो से कम हुआ तो हमे ज्यादा मात्रा मे डेंड्रफ होता है. सामान्यत: हम डेंड्रफ मे शैम्पू से बालोकों धोते है, उससे हमारे सर पर का डेंड्रफ 1 या 2 दिनो के लिए ही कम होता है, क्योकि शैम्पू सिर्फ धोने का काम करता है, वो पेशियोका आयुष्य नहीं बढ़ाता. हम डेंड्रफ का योग्य कारण ढूंढकर उसके अनुसार आयुर्वेद औषधि, तेल का इस्तेमाल करते है, जिस से डेंड्रफ की समस्या जड़ से मिटने मे मदत होती है. डेंड्रफ के लिए आवश्यकतानुसार हमारे यहा एंटी डेंड्रफ प्रिक्वेन्सी ट्रीटमंट भी उपलब्ध है.

स्काल्प सोरियासिस

सोरियासिस यह आज के इस आधुनिक जीवनशैली की देन है. स्काल्प सोरियासिस यह उपचार के लिए कठिन व्याधि है. आवश्यकतानुसार आयुर्वेद शोधन चिकित्सा ( पंचकर्म ), आयुर्वेद औषधि तेल, इत्यादि चिकित्सा पद्धति योग्य क्रम से इस्तेमाल करने से स्काल्प सोरियासिस अच्छा हो सकता है.

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खालित्य (एलोपेशीया) / टक्कल पड़ना

सर के बालोके साथ आज कल दाढ़ी, मुछ के बालोमे खालित्य के काफी रुग्ण देखने को मिल रहे है. दाढ़ी मुछ का खालित्य दिखने को भी खराब दिखता है. इस व्याधि मे हम तेल, लेप, प्रच्छान कर्म, आयुर्वेद औषधी का इस्तेमाल करते है.