डॉ. हेडा स्किन अँड आयुर्वेद मल्टीस्पेशालिटी क्लिनिक यह विदर्भ मे त्वचारोग, केशविकार सौन्दर्य समस्या एवं लैंगिक समस्या के लिए शुद्ध आयुर्वेदिक उपचार करनेवाला एक नामांकित क्लिनिक है. जो आधुनिक मशीन एवं आयुर्वेद औषधी ऐसे संयुक्त उपचार पद्धति से उपचार करता है.
त्वचाविकार यह जटील, दुर्धर और ठीक होने के लिए ज्यादा समय लेनेवाले होते है, इस वजह से हम आधुनिक मशीन के साथ शुद्ध दुष्परिणामरहित आयुर्वेद औषधी इस्तेमाल करते है ताकि बीमारी जल्दी ठीक हो और औषधियो का दुष्परिणाम भी ना हो.
त्वचारोग
त्वचा हमारी सेहत का आईना है, वह हमारी खूबसूरती को दर्शाता है, अगर हमारी सेहत बिगड़ती है तो उसका असर भी हमारी त्वचा पर दिखता है. त्वचा शरीर का सब से बडा अंग है जो अपने नीचे के अवयवो को हवा, पानी, बॅक्टेरिया से बचाता है. त्वचा हमारे व्यक्तित्व को दर्शाती है, इस वजह से भी आज के इस कॉम्पिटिशन के दौर मे त्वचा का आरोग्य महत्वपूर्ण है.
फंगल इन्फेक्शन
सोरियासिस
एक्जिमा
सफेद दाग / व्हिटिलीगो / कोड
स्किन एलर्जी / शीतपित्त / अर्टीक्यारिया
छोटे बच्चों के त्वचाविकार
नाखूनो के विकार
1 फंगल इन्फेक्शन
आज फंगल इन्फेक्शन एक बडी जटिल समस्या हो गई है, हर दस व्यक्ति मे दो व्यक्ति इस से ग्रस्त है. बार बार उपचार कर के भी फंगल इन्फेक्शन नष्ट नहीं होते. बहुत से एंटि फंगल मेडिसिन भी इस पर बेअसर साबित होने लगे है. फंगल इन्फेक्शन होने मे स्किन इम्यूनिती (त्वचा की रोगप्रतिकारक शक्ति) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, हम जो आयुर्वेद उपचार करते है उस से फंगल इन्फेक्शन कम होने के साथ स्किन इम्यूनिती भी बढती है, जिस से बार-बार फंगल इन्फेक्शन नहीं होते.
फंगल इन्फेक्शन के प्रकार :
Tinea Capitis
यह सिर पर होनेवाला फंगल इन्फेक्शन है
Tinea Facial
यह चेहरे पर होनेवाला फंगल इन्फेक्शन है
Tinea Barbae
यह दाढ़ी मे होनेवाला फंगल इन्फेक्शन है
Tinea Carporis
यह शरीर पर होनेवाला फंगल इन्फेक्शन है.
Tinea Cruris
यह कमर के क्षेत्र मे होनेवाला फंगल इन्फेक्शन है.
Tinea Pedis
यह पैरो पर होनेवाला फंगल इन्फेक्शन है
Tinea Unguinum
यह नाखूनो मे होनेवाला फंगल इन्फेक्शन है.
2 सोरियासिस
सोरियासिस एक ऑटोइम्यून डिसिस है. सोरियासिस मे शरीर पर लाल चकते, उनपर सफेद रंग की उपरी त्वचा की मोटी परत, त्वचा रूखी होकर दरारे पड़ना, खुजली इत्यादि लक्षण पाये जाते है. बदली हुई जीवनशैली सोरियासिस का एक मुख्य कारण है. हमारी चिकित्सा मे हम जीवनशैली, खान-पान, त्वचा की रोगप्रतिकारक शक्ति, तनाव विरहित जीवन इन सभी चिजों का ध्यान देते है. इसके निम्न प्रकार है.
Plaque Psoriasis
Nail Psoriasis
Guttate Psoriasis
Inverse Psoriasis
Pustular Psoriasis
Scalp Psoriasis
Erythrodermic Psoriasis
Palmoplantoe Psoriasis
Psoriatic Arthritis
3 एक्सिमा
एक्सिमा एक तरह का स्किन डिसिस है, जिस मे स्किन पर जगह-जगह पर सुजन, खुजली, दरारे, खुरदरापन हो जाता है. एक्सिमा के कुछ प्रकार मे फफोले भी पैदा होते है. एक्सिमा संक्रामक नहीं होता.
एक्सिमा के प्रकार :
एटोपिक डर्मेटायरिस
यह आमतौर पर बचपन से सुरू होता है और समय के साथ इसकी गंभीरता कम हो जाती है.
कांटैक्ट डर्मेटायरिस
कुछ एलर्जिक पदार्थो के संपर्क से ये होता है. ( ज्वेलरी, काँग्रेस ग्रास ई. )
हैंड एक्सिमा
ये सीर्फ हाथो को प्रभावित करता है, जिन लोगो के हाथ नियमितरूप से रसायनो के संपर्क मे आते है, उनमे ये दिखता है
न्युमुलर एक्सिमा
इसमे सिक्के जैसा स्पॉट त्वचा पर बनाता है
स्टेटिस डर्मेटाइटिस
इसमे त्वचा पर सूजन, कालापन, खुजली इत्यादि लक्षण होते है
न्यूरोडर्मेटाइटीस
इसमे मोटीपरत त्वचा पर बनती है.
4 सफेद दाग / व्हिटिलीगो / कोड
इसे श्वीत्र, सफेद कोड के नाम से भी जाना जाता है, इसमे मेलोनोसाइट नामक कोशीकाए नष्ट होने लग जाते है और परिणाम स्वरूप त्वचा मे मेलेनिन (त्वचा को रंग देनेवाला घटक) मे कमी आती है. मेलेनिन की कमी के कारण त्वचा पर सफेद दाग बन जाते है. इन दिनो बच्चों मे भी इस बीमारी का प्रमाण बढ़ गया है. इस बीमारी के इलाज के लिए मौजुदा विकल्पो मे आयुर्वेद एक अच्छा, विश्वसनीय और किफ़ायती विकल्प है.
प्रकार :
सेगमेंटल
यह शरीर के किसी खास हिस्से मे होता है
जनरलाइज
शरीर पर कई हिस्सो पर सफेद दाग होते है
फोकल
इसमे सफेद धब्बे शरीर के किसी छोटे हिस्से पर होते है और कई सालो तक उसी आकार मे रहते है.
युनिवर्सल
इसमे शरीर का 80% हिस्सा व्हिटिलीगो से प्रभावित होता है
म्युकोजल
यह म्यूकस मेंब्रेन रहनेवाले हिस्से मे होता है. जैसा कि मुह.
5 स्किन एलर्जी / शीतपित्त / अर्टीकिरिया
इसे व्यवहार मे पित्त उठना, शितपित्त, एलर्जी के नाम से जाना जाता है. इसमे त्वचा पर लाल रंग के चकते तैयार होते है, जिसमे खुजली बहोत होती है. कुछ रुग्ण मे ये 3-5 घंटो मे कम हो जाती है, मगर कुछ रुग्ण कई सालो से इसके लिए एलर्जी कि दवाई खाते आ रहे है. ऐसे रुग्ण के लिए आयुर्वेद एक वरदान है.
6 छोटे बच्चों के त्वचाविकार
डायपर रेश, टिनिया अल्बा (चेहरे पर सफेद चट्टे), एटोपिक डर्माटाइटिस, चिकनपोक्स, मस्से, कोंटेक्ट डर्माटाइटिस जैसे बहोत से त्वचा रोग बच्चों मे देखे जाते है, जिस के लिए आयुर्वेद एक अच्छा विकल्प है. बच्चों मे हम साइडइफैक्ट रहित चिकित्सा को प्रथम प्राधान्य देते है.
हम साबुन, बेबीक्रीम, बेबी मसाज ऑइल, बेबी शैम्पू जैसे सौन्दर्य प्रसाधन खुद बनाते है, इस वजह से हम इन इन प्रॉडक्ट को हानिकारक केमिकल से दूर रख कर बनाते है.